Home खबरें Abortion को Constitution right देकर France बना दुनिया का पहला देश

Abortion को Constitution right देकर France बना दुनिया का पहला देश

0

फ्रांस की संसद ने अपने कानून के आर्टिकल 34 में संशोधन कर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिन्होंने गर्भपात यानी कि Abortion को कानूनी दर्जा दिया है। आपको बता दें कि हालांकि ऐसा करना आसान नहीं था।

Also read : International Women’s Day Special Films| वीमेन पॉवर को करना है महसूस तो देखे Top 10 Web Series …

इस फैसले का एंटी अबॉर्शन ग्रुप ने विरोध भी किया। लेकिन बिना किसी परवाह किए हुए फ्रांस की मैक्रों सरकार ने सख्ती से ऐसा फैसला ले लिया। संसद में हुी बैठक के दौरान इस विधेयक के पक्ष में 780 वोट पड़े जबकि विपक्ष में केवल 72 वोट ही पड़े। पूरे देश में सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया। देश के ज्यादातर लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया।

Abortion Rights मिलने पर फ्रांस के प्रधानमंत्री का आया बड़ा बयान

जहां पूरे देश में इस कानून का स्वागत किया गया। वहीं दूसरी तरफ मौजूदा सरकार में प्रधानमंत्री गैब्रिएल अटाल ने महिलाओं को एक संदेश दिया है। वो है आपका शरीर आपका है। इस बारे में फैसला लेने का अधिकार भी आपके अलावा किसी को नहीं है।

Abortion Rights मिलने पर फ्रांसीसी संसद के स्पीकर का बयान

स्पीकर याइल ब्रौन -पिवेट ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की शुरुआत करते हुए कहा कि फ्रांस दुनिया का ऐसा पहला देश बनने जा रहा है जहां Abortion को कानूनी दर्जा मिलेगा। मुझे संसद के इस फैसले पर गर्व है कि गर्भपात के अधिकार को मूल कानून में शामिल किया।

एफिल टॉवर पर My Body My Choice का दिया गया संदेश

जब संसद में मतदान के बाद परिणाम आने थे तो इसकी घोषणा एक बड़ी स्क्रीन पर की गई जिसके पीछे एफिल टॉवर चमक रहा था जिस पर My Body My Choice का संदेश दिया जा रहा था। संसद में गर्भपात को कानूनी दर्जा मिलने पर महिलाओं में जश्न का माहौल है।

France के Abortion Rights के फैसले पर थी पूरी दुनिया की नजर

शायद आपको मालूम ना हो फ्रांस में 1974 से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार प्राप्त है। लेकिन अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में इस फैसले को समाप्त कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने महिलाओं से वादा किया था कि वे गर्भपात को कानूनी अधिकार देंगे।

जहां एक तरफ फ्रांसीसी वामपंथी इसे अपनी जीत मानकर जश्न में डूबे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ गर्भपात विरोधी संगठनों एवं कार्यकर्ताओं के साथ -साथ कैथोलिक चर्च ने भी इसका विरोध किया। उनका कहना है कि राष्ट्रपति इस कानून को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

लंबे समय से अबॉर्शन के अधिकार के लिए दुनिया में मांग की जाती रही है। लेकिन फ्रांस इसको कानूनी अमलीजामा पहनाकर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है। इस कानून का महिलाओं ने स्वागत किया। इससे महिलाओं को कहीं ना कहीं अपने शरीर के प्रति स्वतंत्रता भी मिलेगी।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version