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What is Uniform Civil Code- यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है ?

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What is Uniform Civil Code– यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? Uniform Civil Code की इन दिनों देश में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। कहीं पर देश में इसका विरोध किया जा रहा है तो कहीं पर लोग इसके समर्थन में भी है। ऐसा माना जा रहा है मोदी सरकार 2024 का लोकसभा चुनाव इसी को लेकर लड़ सकती है। लेकिन ज्यादातर लोगों को नहीं पता की आखिर यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?

इसको हिन्दी में किस नाम से जाना जाता है, आखिर सरकार इसको देश में क्यों लागू करना चाहती है, इसको लागू करने से देश पर क्या असर पड़ेगा इत्यादि। यहां पर आपको बिल्कुल ही साधारण शब्दों में बताएंगे कि आखिर Uniform Civil Code क्या है, जिसके बाद आपको कभी दिक्कत ना आए।

आजकल Uniform Civil Code देश में चर्चा का विषय बना हुआ है जिसको हिंदी में समान नागरिकता संहिता कहा जाता है और शॉर्ट में इसको UCC के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा सिविल कोड या प्रस्ताव है जिसका मकसद देश के सभी नागरिकों के लिए एक कानून बनाना है। चाहे फिर वह किसी भी धर्म से ही क्यों न संबंध रखता हो। यह कानून बिना किसी भेदभाव के देश के सभी लोगों पर समान रूप से लागू होगा।

आपको बता दे कि देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, पारसी और ईसाई सभी धर्मों के लोग रहते है। सभी धर्मों में विवाह, तलाक, उत्तराधिकारी और गोद लेने के मामले में अलग-2 कानून है। हालांकि आपराधिक मामलों में सभी पर एक ही कानून लागू होता है। Uniform Civil Code देश के हर नागरिक पर समान रूप से लागू होगा। इसकी मांग समय-समय पर उठती रही है। माना जा रहा है कि इससे देश में समानता आएंगी।

Uniform Civil Code पर विपक्ष का नजरिया

सिविल कोड को लेकर मायावती का बड़ा बयान आया है कि बहुजन समाजवादी पार्टी Uniform Civil Code के विरोध में नहीं है। वहीं दूररी तरफ हिंदू सेना पहले ही इसके समर्थन में है और उन्होंने तो संसद मार्ग पर यूसीसी के समर्थन में पोस्टर भी लगा दिए है। बता दे कि यह मानसून सत्र काफी रोमांचक होने वाला है क्योंकि एक तरफ जहां सरकार Uniform Civil Code को संसद में पेश करेगी तो वहीं विपक्ष दिल्ली अध्यादेश को लेकर सरकार को चोतरफा से घेरेगी।

UCC लागू करने वाला पहला राज्य

यूसीसी बिल( UCC Bill) लागू करने वाला गोवा सबसे पहला राज्य बन गया है। अब उत्तराखंड में भी 5 फरवरी से लागू हो जाएगा। जिसको लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान आया है। लंबे समय से फैमली मुद्दों से संबंधित एक कानून की मांग की जा रही थी। उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनने के बाद राज्य सरकार ने एक कमेटी बनाई थी जिसे यह बताना था कि राज्य में ये बिल कैसे लागू किया जाए। अब यह कमेटी दो फरवरी को यह कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। 5 फरवरी को इस बिल पर विधानसभा में चर्चा होगी। उम्मीद की जा रही है कि 5 फरवरी से यह राज्य में लागू हो जाए।

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