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National Technology Day पर सबको गौरवान्वित होना चाहिए जाने क्यों

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Happy Technology Day 2024 Date

National Technology Day 2024 का भारत के लिए महत्व

National Technology Day 2024 : नेशनल टेक्नोलॉजी डे भारतवर्ष में 11 May को हर वर्ष मनाया जाता है जिसकी शुरुआत सन 1999 में हुई थी इस दिन का महत्व यह है कि टेक्नोलॉजी (Technology) क्षेत्र में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों का सम्मान किया जाता है एवं तकनीकी उपलब्धियों के कारण दिए गए योगदान को भी याद किया जाता है.

आपको बता दें कि National Technology Day पर हर वर्ष एक Theme निर्धारित की जाती है इस बार भी थीम निर्धारित की गई है जो इस प्रकार है “Schools Se Startup तक: हमारे Young यूथ के दिमाग को Innovation के लिए प्रज्वलित करना”

भारत में टेक्नोलॉजी डे से संबंधित कुछ जानकारियां

भारत ने जब 11 मई 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण किया था तब भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई (Atal Bihari Vajapayee) थे तब 1999 में इस दिन की शुरुआत हुई पोखरण परमाणु टेस्ट की वर्षगांठ बनाने के लिए और तब से लेकर अब तक हर वर्ष यह दिन National Technology Day के रूप में मनाया जाता है।

भारतीय वैज्ञानिकों के सराहनीय योगदान को सम्मान दिया जाता है. 11 मई 1998 का दिन भारत के लिए एक बहुत ही इतिहास का दिन था इस दिन भारत की तस्वीर बदल गई थी जब भारत ने लगातार पांच परमाणु परीक्षण किए थे जिसने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब 1947 वाला भारत नहीं रहा बल्कि अब भारत Technology के क्षेत्र में भी एक ताकतवर देश बन चुका है।

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आज भारत धरती से लेकर चांद पर कदम रख चुका है और भारत की इसी उपलब्धि के कारण आज दुनिया में नाम है. भारत आज के समय में विज्ञान के क्षेत्र में एक से एक बढ़कर अनेक उपलब्धियां हासिल कर रह है जिसका हम लाइव प्रसारण अपनी अपने जिंदगी में देख रहे हैं।

आज भारत दुनिया के आगे नजर से नजर मिला कर देखता है भारत (India) के हर नागरिक के पास आज फोन उपलब्ध है और हर वह चीज Technology ने उपलब्ध करवा दी है जिसकी व्यक्ति को अपनी लाइफ में आवश्यकता होती है।

इसलिए आज के समय में हमें उन वैज्ञानिकों (Scientist) को सम्मान देना चाहिए और उनकी उपलब्धियों को याद करना चाहिए जिन्होंने अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पल लोगों की समाज सेवा में लगाए .इस दिन भारत ने अनेक उपलब्धियां हासिल की थी।

साथियों इस दिन ही भारत के पहले एयरक्राफ्ट Hansa 3 ने आसमान में उड़ान भरी थी. यह विमान नए पायलटों के लिए एक मिसाल के रूप में सिद्ध हुआ. यह विमान 2 सीटर विमान था जिसके जरिए नए पायलटों को ट्रेनिंग दी जाती थी. जो पोखरण में यह परीक्षण किया गया था इसमें सबसे बड़ा योगदान डॉक्टर अब्दुल कलाम (Dr. A.P.J.kalam) जिसे मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है, उनका था।

दूसरा सबसे बड़ा योगदान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का था. जब उन्होंने यह परीक्षण किया तो दुनिया देखती रह गई हर भारतीय के लिए यह समय गर्व का था. यह ऑपरेशन भारतीय सेना ने दुनिया की आंखों से छुप कर किया था इसीलिए पूरी दुनिया अचंभित थी और India आज भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

आज हमारे भारत के वैज्ञानिक एक से एक नई टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं और गगन यान भेजने की तैयारी कर रहे हैं।आज भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक जाना माना चेहरा बन गया है जिसकी वजह से आज भारत को किसी देश पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आत्मनिर्भर के सूत्र से भारत (Bharat) अब हर चीज बनाने में सक्षम है.

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