Mahavir Jayanti Wishes 2023: दोस्तों महावीर जयंती का जैन धर्म में बहुत महत्व है। जैन धर्म के लोग इस दिन प्रभात फेरी निकालते है और महावीर के बताए मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा लेते है। महावीर जयंती हर साल की तरह इस बार भी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाई जा रही है यानी की 4 अप्रैल को महावीर जयंती है। इस दिन सभी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी होती है।
तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म | Mahavir Swamiji Birth Place
महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थें जिनका जन्म बिहार के कुंडा ग्राम में हुआ था। इन्होंने मात्र 30 वर्ष की आयु में ही जीवन की सुख-सुविधाएं त्याग कर जंगल में तपस्या करने के लिए निकल गए थे। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि महावीर को लगभग 12वर्षों की कठोर तपस्या के बाद कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति साल के वृक्ष के नीचे हुई थी।
महावीर स्वामी के समाज सुधार के लिए दिए उपदेश | Mahavir Swami ji 5 principal
जैन धर्म में महावीर स्वामी के 5 सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन समाज के लिए भी ये सिद्धांत किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी व्यक्ति इन पांच सिद्धांतों को अपने जीवन में अमल लाता है तो वह व्यक्ति हर क्षेत्र में सफल हो सकता है। तो आइये जानते हैं महावीर स्वामी के पांच सिद्धांत जिनको हमें अपने जीवन में अमल में लाना चाहिए। इन पांच सिद्धांतों को पंचशील सिद्धांत भी कहा जाता है।
1. | सत्य | सबसे पहला सिद्धांत है सत्य। व्यक्ति को हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए। माना की सत्यका मार्ग कठिन है लेकिन सत्य का मार्ग ही सफलता तक पहुंचा सकता है। |
2. | अहिंसा | यह सिद्धांत दूसरा हैं। इसका भी हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। अहिंसा परमोधर्म यानी की मनुष्य का अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है। इस अहिंसा के बल पर ही गांधी ने इंग्लैंड तक अंग्रेजों की जड़े हिला दी थी। |
3. | अपरिग्रह | इसका साधारण से शब्दों में अर्थ है कि अकारण ही किसी सजीव या निर्जीव वस्तु या जीव से लगाव करना। जो बाद में दुख का बड़ा कारण बनता है। व्यक्ति को किसी भी अवस्था में लगाव नहीं करना चाहिए। |
4. | अस्तेय | दूसरों की वस्तु का बिना उस व्यक्ति की आज्ञा के चोरी करना। यहां चोरी केवल भौतिक वस्तु ही नहीं बल्कि दूसरों के प्रति गंदी सोच भी है। व्यक्ति को मैं की बजाय हमेशा हम की भावना रखनी चाहिए। |
5. | ब्रह्मचर्य | ब्रह्मचर्य का सीधा अर्थ अविवाहित होना नहीं है। बल्कि इसका साधारण शब्दों में अर्थ हैं कि अपने को पहचानना। स्वयं को समय देना। इससे बड़ा कोई तप नहीं है। |
महावीर जयंती पर अपनों को दे शुभकामनाएं | Mahavir Jayanti Wishes
महावीर जयंती 4 अप्रैल को मनाई जा रही है। इस मौके पर आप भी लोगों को बहुत ही साधारण शब्दों में शुभकामनाएं दे सकते है। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ हमें ऊपर बताए गए महावीर के 5 सिद्धांतों को भी अपने जीवन में अमल करना चाहिए। जिससे हमारा जीवन और आसान हो जाए।