नई दिल्ली। इंडिया हैबिटेट सेंटर में आज हाइड्रोमिंगल 2025(Hydromingle 2025) पर जल नवाचारों का बड़ा मंच बनकर उभरा। अभीप्सा फाउंडेशन के अभियान गुरुजल ने फ्लक्सजेन सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर इस कार्यक्रम में अटल इनोवेशन मिशन–नीति आयोग, एआईआईटी दिल्ली, वाटर डाइजेस्ट, टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज समेत कई संस्थाओं ने सहयोग किया।
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कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शिरकत कर जल प्रणालियों, प्रकृति-आधारित समाधानों और तकनीक पर काम कर रहे स्टार्टअप्स व विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।हाइड्रोमिंगल को एक लाइव इनोवेशन लैब के रूप में तैयार किया गया है । विशेषज्ञों ने डिजिटल वॉटर इंटेलिजेंस, एआई-आधारित गवर्नेंस और सामुदायिक मॉडल को भारत की जल चुनौतियों का भविष्य समाधान बताया।
इनोवेशन पिच सत्र ने सभी का ध्यान किया अपनी तरफ आकर्षित
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण इनोवेशन पिच सत्र रहे। इनमें नैनो-बबल तकनीक, मोबाइल वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट यूनिट्स, रिचार्ज मॉडल, सेंसर सिस्टम और एआई-आधारित मॉनिटरिंग प्लेटफ़ॉर्म जैसी नई तकनीकों की प्रस्तुति हुई।
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जल सहनशीलता का निर्माण प्रशासनिक सुधारों के बिना नहीं संभव
वर्ल्ड बैंक, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, नीति आयोग, फिनलैंड दूतावास, सीआईआई वॉटर इंस्टीट्यूट और अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञों ने प्रतिक्रिया दी और सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।वक्ताओं ने जोर दिया कि भारत जल–खाद्य–ऊर्जा सुरक्षा के निर्णायक मोड़ पर है और जल सहनशीलता का निर्माण प्रशासनिक सुधारों, प्रकृति-आधारित समाधानों और तकनीक के विस्तार के बिना संभव नहीं है।
डेटा-आधारित जल प्रबंधन को भविष्य की कुंजी
राष्ट्रीय जल मिशन की मिशन निदेशक अर्चना वर्मा ने सामुदायिक भागीदारी और डेटा-आधारित जल प्रबंधन को भविष्य की कुंजी बताया। गुरुजल की संस्थापक शुभी केसरीवानी ने कहा कि मंच का उद्देश्य संवाद के साथ वास्तविक साझेदारियों को जन्म देना है।


