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भारतजेन: भारतीय भाषाओं के लिए स्वदेशी जनरेटिव AI2025 तक बनेगा बड़ा गेमचेंजर

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भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भारतीय भाषाओं और स्थानीय ज़रूरतों के अनुरूप बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। भारतजेन (BharatGen) नामक स्वदेशी जनरेटिव AI पहल को 2024 में लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य है भारत के लिए मल्टीमॉडल, मल्टीलिंगुअल और एथिकल AI मॉडल तैयार करना।

भारतजेन: भारतीय भाषाओं के लिए खास पहल

भारतजेन का नेतृत्व IIT बॉम्बे कर रहा है और इसमें IIT मद्रास, IIT कानपुर, IIT हैदराबाद, IIT मंडी और IIM इंदौर जैसे संस्थान जुड़े हैं। यह मॉडल 22 भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट, स्पीच और विज़न आधारित इनपुट को सपोर्ट करेगा।
इसके लिए भारत डेटा सागर (Bharat Data Sagar) नाम से विशाल डेटा रिपॉज़िटरी भी तैयार की जा रही है।

हाल ही में इस पहल के तहत E-vikrAI नामक टूल लॉन्च हुआ है, जो केवल प्रोडक्ट की तस्वीर अपलोड करने पर अलग-अलग भारतीय भाषाओं में ऑटोमैटिक टाइटल और डिस्क्रिप्शन बना देता है।

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India AI 2025: तेज़ी से बढ़ता भारतीय AI इकोसिस्टम

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत का AI बाज़ार 2025 तक 28.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगा और इसकी ग्रोथ रेट 45% CAGR रहेगी।
साल 2016 से 2023 के बीच AI स्किल वाले प्रोफेशनल्स की संख्या में 14 गुना वृद्धि हुई है। 2026 तक देश को लगभग 10 लाख AI एक्सपर्ट्स की आवश्यकता होगी।

भारत में जनरेटिव AI स्टार्टअप्स की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। 2023 में जहाँ यह संख्या केवल 60-65 थी, वहीं 2024 में यह बढ़कर 240 से अधिक हो गई। इन स्टार्टअप्स ने अब तक 750 मिलियन डॉलर से ज्यादा की फंडिंग जुटाई है।

सरकारी पहल: IndiaAI मिशन और सेफ़्टी इंस्टीट्यूट

भारत सरकार ने 10,300 करोड़ रुपये की लागत से IndiaAI Mission की शुरुआत की है।
इस मिशन का लक्ष्य है स्टार्टअप्स को GPU इंफ्रास्ट्रक्चर, कंप्यूटिंग पावर और डेटा प्लेटफॉर्म्स उपलब्ध कराना।
मई 2025 तक भारत की GPU क्षमता 34,000+ तक पहुँच चुकी है।

साथ ही, 2025 की शुरुआत में IndiaAI Safety Institute भी लॉन्च किया गया, जो यह सुनिश्चित करेगा कि भारत में विकसित होने वाले AI मॉडल्स सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त हों।

इंडिक AI टूल्स और चैटबॉट्स का विस्तार

Sarvam AI ने हाल ही में Sarvam 2B मॉडल लॉन्च किया है, जो 10 भारतीय भाषाओं में काम करता है।

इसका Shuka 1.0 मॉडल बोली गई भारतीय भाषा को सीधे टेक्स्ट में बदल देता है।

सरकार का Bhashini प्लेटफॉर्म भी भारतीय भाषाओं के लिए रीयल-टाइम ट्रांसलेशन उपलब्ध कराता है।

AI का भविष्य: शिक्षा, बैंकिंग और उद्योग

शिक्षा क्षेत्र: CBSE और NITI Aayog ने मिलकर स्कूलों में AI बूटकैंप्स शुरू किए हैं।

ग्लोबल निवेश: OpenAI ने IIT मद्रास को 4.5 करोड़ रुपये का रिसर्च फंड दिया है और छात्रों को 5 लाख मुफ्त ChatGPT लाइसेंस उपलब्ध कराए हैं।

बैंकिंग सेक्टर: HDFC बैंक ने BharatGPT बनाने वाली कंपनी CoRover में निवेश किया है।
भारतजेन और India AI 2025 पहलें भारत को न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में आत्मनिर्भर बनाएंगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगी कि ग्रामीण इलाकों, किसानों, छात्रों और आम नागरिकों तक भारतीय भाषाओं में AI की सुविधा पहुँचे।न्यूज़ आर्टिकल पैकेज

भारतजेन: भारतीय भाषाओं के लिए स्वदेशी AI | India AI 2025 में नई छलांग

भारत सरकार ने भारतजेन (BharatGen AI) लॉन्च किया है, जो 22 भारतीय भाषाओं में काम करने वाला स्वदेशी जनरेटिव AI है। 2025 तक भारत का AI बाज़ार 28.8 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान। पढ़ें पूरी खबर।

भारतजेन: भारतीय भाषाओं के लिए स्वदेशी AI, 2025 तक नया युग

नई दिल्ली। भारत सरकार ने भारतीय भाषाओं और स्थानीय ज़रूरतों के लिए भारतजेन (BharatGen AI) की शुरुआत की है। यह मल्टीमॉडल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल है, जो 22 भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट, स्पीच और विज़न पर काम करेगा।

मुख्य बातें: India AI 2025 तक भारत का AI बाज़ार 28.8 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान।

भारतजेन का नेतृत्व IIT बॉम्बे कर रहा है, कई प्रमुख IIT और IIM संस्थान जुड़े।

Bharat Data Sagar से भारतीय भाषाओं का विशाल डेटा रिपॉज़िटरी तैयार।

देश में 240+ जनरेटिव AI स्टार्टअप्स, 750 मिलियन डॉलर से ज्यादा फंडिंग।

Sarvam AI और Bhashini जैसे टूल्स से भारतीय भाषा चैटबॉट्स और ट्रांसलेशन आसान।

शिक्षा, बैंकिंग और हेल्थकेयर में AI टूल्स हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध।

भारतजेन और India AI 2025 भारत को AI में आत्मनिर्भर बनाकर वैश्विक रेस में अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकते हैं।

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