भारत का निर्यात मिशन 2025 (India’s Export Mission 2025) एक ऐतिहासिक पहल के रूप में सामने आया है। जहां एक ओर India US tariff news के चलते भारतीय सामानों पर 50% तक अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने ₹20,000 करोड़ की export scheme का ऐलान कर भारतीय निर्यातकों को राहत दी है। यह कदम न केवल “ब्रांड इंडिया” (Brand India Export Plan) को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देगा बल्कि Indian economy 2025 को भी मजबूती प्रदान करेगा।
अमेरिकी टैरिफ झटका: India US Tariff News
अगस्त 2025 में अमेरिका ने भारतीय इंजीनियरिंग गुड्स, केमिकल्स, टेक्सटाइल्स, जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे उत्पादों पर लगभग 50% तक अतिरिक्त टैरिफ लगाया।
- भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात करीब 55% प्रभावित हो सकता है।
- लाखों मजदूरों, कारीगरों और छोटे व्यवसायियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
- खासकर टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर पर यह सबसे बड़ा झटका है क्योंकि अमेरिकी बाजार इस उद्योग का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
सरकार की रणनीति: ₹20,000 करोड़ की निर्यात प्रोत्साहन योजना
भारत सरकार ने अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करने के लिए ₹20,000 करोड़ का Export Promotion Mission शुरू किया है। यह योजना अगले 5-6 वर्षों में लागू होगी।
इस मिशन की मुख्य विशेषताएं:
- ट्रेड फाइनेंस की सुविधा – निर्यातकों को आसान कर्ज, गारंटी और क्रॉस बॉर्डर फैक्टोरिंग की सुविधा।
- ब्रांड इंडिया को बढ़ावा – जैसे कोरिया और जापान ने किया, वैसे ही भारत अपने उत्पादों को वैश्विक पहचान देने के लिए अभियान चलाएगा।
- ई-कॉमर्स और वेयरहाउसिंग हब – अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच आसान करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर।
- गैर-शुल्क बाधाओं का समाधान – विदेशी बाजारों में सर्टिफिकेशन, क्वालिटी स्टैंडर्ड और रेगुलेशन को पूरा करने के लिए सहायता।
- व्यापार सुगमता – कस्टम्स प्रक्रियाओं को सरल बनाना, डिजिटलीकरण और लालफीताशाही कम करना।
RoDTEP और एक्सपोर्ट क्रेडिट
सरकार ने जून 2025 से RoDTEP (Remission of Duties and Taxes on Exported Products) स्कीम को दोबारा लागू किया है। इसके तहत निर्यातित सामानों पर लगे अप्रत्यक्ष टैक्स और शुल्क की वापसी दी जाएगी।
साथ ही, एक्सिस बैंक ने अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों को अतिरिक्त क्रेडिट लोन देने का फैसला किया है। खासकर अफ्रीकी देशों और अन्य उभरते बाजारों में नए व्यापार अवसर तलाशने के लिए यह कर्ज महत्वपूर्ण होगा।

“ब्रांड इंडिया” और वैकल्पिक बाजार
Brand India Export Plan के तहत सरकार आयुर्वेद, फार्मा, IT, डिजिटल सेवाएं, ऑर्गेनिक कृषि उत्पाद, और ग्रीन एनर्जी को निर्यात का नया आधार बना रही है।
- अफ्रीकी देशों में मेडिकल और टेक्सटाइल उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
- यूरोप और एशिया के साथ FTA (Free Trade Agreements) को गति दी जा रही है।
- इससे अमेरिकी निर्भरता कम होगी और भारत के निर्यात विविध होंगे।
अमेरिकी झटके से बचाव: वैकल्पिक बाजारों पर फोकस
भारत ने निर्यात को अमेरिका पर निर्भरता से बाहर निकालने के लिए लगभग 50 नए देशों में व्यापार अवसर तलाशने का अभियान शुरू किया है।
अफ्रीका के कई देशों में मेडिकल, ऑटो पार्ट्स और टेक्सटाइल की मांग तेजी से बढ़ रही है।
लेकिन अमेरिका भारत के इंजीनियरिंग सामान और दवाओं के लिए नया गंतव्य बन सकता है।
यूरोप और एशिया के साथ भारत अपने एफटीए (Free Trade Agreements) को गति दे रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 पर प्रभाव
निर्यात भारत की GDP का बड़ा हिस्सा है। अमेरिकी टैरिफ से अल्पकालिक झटका लगेगा, लेकिन यदि India’s Export Mission 2025 सफल रहा तो:
- लाखों नए रोजगार अवसर पैदा होंगे।
- निर्यातकों की लागत घटेगी।
- भारत की वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ेगी।
- Indian economy 2025 और मजबूत होगी।
चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
हालांकि यह मिशन महत्वाकांक्षी है लेकिन चुनौतियां कम नहीं हैं। ब्यूरोक्रेसी और योजना के धीमे क्रियान्वयन से लाभार्थियों तक पैसा समय पर न पहुंचने का खतरा। छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को वास्तविक लाभ दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है।
विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कानूनी विवाद की संभावना।
टैरिफ युद्ध के चलते भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा क्षमता पर लगातार दबाव।
भारत आज उस मोड़ पर खड़ा है जहां निर्यात केवल आर्थिक मजबूती का साधन नहीं बल्कि वैश्विक पहचान का भी हिस्सा है। अमेरिकी टैरिफ ने भारत को यह सिखाया है कि किसी एक बाजार पर निर्भरता खतरनाक हो सकती है।
20,000 करोड़ रुपये का यह निर्यात मिशन भारत के लिए केवल एक राहत पैकेज नहीं बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में बड़ा कदम है।
अगर यह योजना सही समय पर, पारदर्शी तरीके से और वास्तविक जरूरतमंद निर्यातकों तक पहुंचे तो 2025 भारत की निर्यात यात्रा का नया अध्याय साबित हो सकता है।
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