ATM skimming क्या है और यह कैसे काम करता है?– ये बात बहुत लोगों को पता नहीं होती। लेकिन ध्यान देना चाहिए। Skimming मतलब आपके कार्ड का डेटा चोरी करना, जब आप ATM में कार्ड डालते हो। मशीन पर एक छोटा सा डिवाइस लगा होता है (बहुत पतला, शायद दिखे भी नहीं)। यही डिवाइस आपका कार्ड नंबर और पिन रिकॉर्ड करता है। फिर चोर उसी डेटा से नकली कार्ड बना लेता है। और आपका पैसा निकाल लेता है, जैसे खुद आप हो।
अब समझो कैसे बचना है। हमेशा ATM कार्ड स्लॉट को थोड़ा हिलाओ (अगर ढीला लगे तो सावधान रहो)। PIN डालते वक्त हाथ से ढँक दो (जैसे छत बनाना)। Unknown ATM या बहुत पुराने दिखने वाले मशीन से बचो। Screen और keypad पर कोई chip या camera तो नहीं दिख रहा – ये भी देखो। आजकल ये crime बहुत जगह फैल गया है – खासकर भीड़ वाले शहर में जैसे Delhi, Mumbai। थोड़ी सावधानी रखो, और अपना पैसा बचाओ जैसे तिजोरी में।
ATM Skimming के सामान्य तरीके कौन-कौन से हैं?
ATM से पैसे निकालना अब आसान है, लेकिन खतरा भी वहीं छुपा है। स्किमिंग मशीनें अब बहुत एडवांस हो गई हैं। (देखने में बिलकुल असली लगती हैं)। तो चलो समझो ये कैसे काम करती हैं और कैसे बचना है।
पहला तरीका – कार्ड स्लॉट में एक छोटा डिवाइस लगाया जाता है। जब तुम कार्ड डालते हो, वही डेटा कॉपी हो जाता है। ऐसा डिवाइस इतनी सफाई से लगाया जाता है कि तुम पकड़ भी नहीं सकते।
दूसरा तरीका – कीपैड पर एक नकली पैड लगाया जाता है। (PIN डालते वक्त, वो नंबर अपने अंदर सेव कर लेता है)।
अब तीसरा तरीका – कैमरा वाला। स्किमर उपर या साइड में बहुत छोटे कैमरे लगाते हैं। वो देखता है तुम कौन सा PIN डाल रहे हो। कभी किसी वायर या छोटे होल के पास ध्यान दो, वहीं छिपा होता है।
कभी-कभी स्किमिंग पूरा होता है फेस ATM से भी। यानी पूरा नकली ATM बनाते हैं। तुम सोचते हो असली है, पर पैसे सीधे स्कैम अकाउंट में जाते हैं।
तो याद रखो – कार्ड स्लॉट पहले हाथ से हिलाओ (थोड़ा ढीला लगे तो तुरंत रुक जाओ)। PIN डालते वक्त हाथ ढक दो, और भीड़ वाले ATM ही यूज़ करो।
Skimming डिवाइस कहाँ और कैसे लगाए जाते हैं?
Skimming डिवाइस अब बैंक, ATM, petrol pump, और दुकान में मिल सकता है. लोग पूछते है—skimming डिवाइस क्या होता है? ATM skimming से बचने का तरीका क्या है? कोशिश करो अपने कार्ड को खुद स्वाइप करो, और कभी भी कार्ड को किसी के हाथ में मत दो. स्किमिंग चोर मशीन लगाते है, और आप देख नहीं पाते.
Skimming डिवाइस कहाँ लगते हैं?
1. ATM मशीन (सबसे आम)
- कार्ड स्लॉट के ऊपर या अंदर लगाते हैं (बिल्कुल वैसे ही दिखता है).
- कैमरा भी लगा सकता है (छोटा, उसका मकसद पिन रिकॉर्ड करना).
2. पेट्रोल पंप (Card स्वाइप मशीन)
- मशीन में लगा देते हैं (ज्यादातर जहां भीड़ ज्यादा है).
- कर्मचारी भी मिल सकते हैं स्किमर्स के साथ (ध्यान रखो).
3. दुकानों में
- POS मशीन के ऊपर या अंदर फिट कर देते हैं.
- कार्ड swipe मांगे तो देखो कोई loose part तो नहीं है.
4. बैंक में
- बैंक के entry वाले door lock पर भी लग सकता है (card tap या swipe entry).
कैसे बचें?
- कार्ड खुद swipe करो.
- हाथ से कार्ड स्dलॉट महसूस करो, कुछ अजीब लगे तो रुक जाओ.
- पिन एक हाथ से छुपाओ (जैसे कवर बनाते हो).
- कोई भी loose या अलग part दिखे तो बताओ बैंक या स्टाफ को
हर जगह सतर्क रहो. Skimming से बचना आसान है लेकिन ध्यान रखना जरूरी है. कार्ड, पिन, और मशीन चेक करो. (लोग पूछते है skimming से पैसे कैसे चोरी होता है—इसी तरीके से!)

Skimming से जुड़ी सबसे आम लाल-झंडियाँ (Signs) क्या हैं?
ATM पर कार्ड इस्तेमाल करते समय थोड़ा ध्यान नहीं दिया तो स्कैम हो सकता है। आजकल ATM मशीन पर अलग-अलग ट्रिक लगाई जाती है जिससे आपका कार्ड डिटेल निकल जाए। इसको बोलते हैं ATM Skimming। नीचे कुछ लाल झंडियाँ (Signs) हैं जो दिखे तो तुरंत सतर्क रहो।
कार्ड स्लॉट को ध्यान से देखो
- अगर स्लॉट थोड़ा हिला हुआ या असामान्य दिखे, तो कार्ड मत डालो। (कभी-कभी नकली कवर लगाया जाता है)
- स्लॉट के अंदर एक छोटा कैमरा भी हो सकता है—ध्यान से ऊपर देखो।
कीपैड को जांचो
- कीपैड ढीला लगे या उभरा हुआ हो तो PIN मत डालो।
- असली कीपैड मशीन में फिट होता है, नकली वाला ऊपर से चिपका होता है।
स्क्रीन और रसीद स्लिप पर ध्यान
- कुछ मशीन में स्क्रीन झिलमिलाती है या स्लो रिस्पॉन्स देती है, ये भी खराब या छेड़छाड़ का संकेत हो सकता है।
- रसीद स्लिप में अजीब नंबर या बैंक नाम गायब दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करो।
आसपास के माहौल को देखो
- अगर कोई व्यक्ति ज़रूरत से ज़्यादा नज़दीक खड़ा हो, तो PIN डालना रोक दो।
- मशीन के पास अजीब बॉक्स या वायर दिखाई दे तो फोटो खींचो और बैंक हेल्पलाइन पर बताओ।
ATM इस्तेमाल करते समय एक सिंपल नियम रखो—अगर मशीन “थोड़ी अलग” लगे, तो कार्ड वहाँ मत डालो। बेहतर है दूसरा ATM ढूंढो।
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बैंक और सिक्योरिटी क्या उपाय करते हैं?
बैंक और सिक्योरिटी टीम हर दिन कोशिश करते हैं कि कोई ग्राहक ATM से पैसे निकालते समय धोखा का शिकार न हो। ATM skimming आज बहुत आम है, और यह कार्ड की जानकारी चोरी करने का तरीका है। तो यह समझना जरूरी है कि बैंक क्या उपाय करते हैं और ग्राहक कैसे खुद बच सकता है।
बैंक के मुख्य उपाय
- मशीन की जांच रोज होती है। (कभी-कभी रात में भी सिक्योरिटी गार्ड स्कैन करता है)
- नये कार्ड में chip और PIN system रखा गया है, जिससे data पढ़ना मुश्किल हो।
- बैंक अब SMS alert भेजता है हर transaction पर। अगर कोई ट्रांजैक्शन आपकी जानकारी के बिना हो, तुरंत पता चलता है।
- CCTV कैमरे हर ATM पर रखे गए हैं। वीडियो recording से कोई भी गलत हरकत पकड़ में आती है।
- कई बैंक अब “contactless card” दे रहे हैं ताकि swipe की ज़रूरत ही न पड़े।
ग्राहक को क्या करना चाहिए
- कार्ड डालने से पहले slot को थोड़ा हिलाओ। अगर अलग part लगे, तो मशीन fake हो सकती है।
- PIN डालते समय हाथ से keypad को ढक लो। (camera भी लगा हो सकता है ऊपर)
- Unknown ATM में पैसे न निकालो, खासकर market या petrol pump के पास।
- अगर कार्ड खो जाए या कुछ unusual लगे, तुरंत customer care को कॉल करो।
ATM पर ध्यान रखो जैसे अपनी जेब पर रखते हो। छोटे सावधानी बड़े नुकसान से बचाती है।
ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन और ATM सुरक्षा का क्या संबंध है?
ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन अब हर किसी की रोज की चीज बन गई है। लोग मोबाइल ऐप से पैसे भेजते हैं, ATM से निकालते हैं और नेट बैंकिंग से बिल भरते हैं। लेकिन यही सुविधा अगर सावधानी से न हो, तो खतरा भी बन सकती है। यही जगह है जहाँ ATM सुरक्षा और ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन की समझ जरूरी है।
ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन क्या है
- जब आप मोबाइल ऐप (जैसे Google Pay, PhonePe या Paytm) से पैसे ट्रांसफर करते हो।
- यह बैंक सर्वर और आपके अकाउंट के बीच डेटा भेजता है (नेटवर्क सुरक्षित होना चाहिए)।
- अगर कोई फेक वेबसाइट या असुरक्षित वाई-फाई यूज़ करे, तो डेटा चोरी हो सकता है।
ATM सुरक्षा कैसे जुड़ी है
- ATM मशीन भी बैंक नेटवर्क से जुड़ी होती है।
- अगर कोई स्किमिंग डिवाइस लगी हो (जो कार्ड की जानकारी कॉपी करती है), तो वो ऑनलाइन फ्रॉड के लिए डेटा भेज सकती है।
- इसलिए हर बार कार्ड डालने से पहले स्लॉट चेक करो। हल्का हिलाओ (अगर नकली हिस्सा लगा है तो हिलेगा)।
कैसे बचें
- केवल बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप से लेनदेन करो।
- OTP कभी किसी को मत बताओ, चाहे कॉल पर कोई बैंक अधिकारी बोले।
- ATM पर केमरा, फेक पैड या अजीब वायरिंग दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करो।
नतीजा
ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन और ATM दोनों एक ही सिस्टम से चलते हैं। दोनों की सुरक्षा एक-दूसरे पर निर्भर करती है। थोड़ी समझ और सावधानी से पूरा बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित रह सकता है।
यदि आपका कार्ड skim हुआ तो पैसे वापस कैसे पाएं?
जब कार्ड skim हो जाए तो घबराना नहीं। Skimming मतलब आपका कार्ड डेटा चोरी होना (जैसे किसी ATM या POS मशीन में डुप्लीकेट रीडर लगा हो)। ऐसे में पहला घंटा सबसे जरूरी होता है। जल्दी हरक़त करो ताकि पैसा वापस पा सको।
तुरंत क्या करना है
- कार्ड ब्लॉक करो।
बैंक का कस्टमर केयर नंबर देखो। कॉल करो और कहो “मेरा कार्ड skim हो गया, तुरंत ब्लॉक करो।”
(ऐप में इंटरनेट से भी ब्लॉक कर सकते हो) - ट्रांजेक्शन चेक करो।
अपने बैंक ऐप या SMS में देखो कहां-कहां से पेमेंट हुआ। स्कैमर छोटे अमाउंट से शुरू करता है (जैसे ₹100-₹500) चेक करने के लिए।
शिकायत दर्ज करो
- बैंक में लिखित शिकायत दो (ईमेल या ब्रांच पर)।
ट्रांजेक्शन डिटेल, कार्ड नंबर (आखिरी चार अंक) और डेट लिखो।
बैंक को 7 दिन में जवाब देना होता है। - साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट डालो।
cybercrime.gov.in पर लॉगिन करो और केस दर्ज करो (सबूत जैसे SMS/स्क्रीनशॉट लगाओ)।
पैसा वापस पाने की प्रक्रिया अगर ट्रांजेक्शन unauthorized साबित हो तो बैंक 10 दिन में पैसा वापस करता है।
कभी-कभी जांच लंबी चलती है (14 से 30 दिन)। तब तक नया कार्ड ले लो और पुराने डेटा को भूल जाओ।
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