Uttar Pradesh Lifts and Escalators Bill, 2024: Lifts और Escalators हर जगह आपको देखने को मिल जायेगे चाहे वह कोई बहुमंजिला ईमारत हो या कोई शॉपिंग मॉल हो आपको यह सुविधा हर जगह देखने को मिल जाएगी क्युकी आजकल हर किसी को सुविधाजनक जीवन चाहिए।
इसी मुद्दे को लेकर अब उत्तरप्रदेश सरकार ने Uttar Pradesh Lifts and Escalators Bill, 2024 में लिफ्ट्स और एस्केलेटर्स की सुरक्षा और संरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए जायेगे जोकि भारत में बहुत से राज्यों में पहले ही दिए जा चुके है परन्तु अब उत्तरप्रदेश में भी यह निर्देश दिए गए है।
क्या है यह निर्देश
उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा लिफ्ट और एस्कलेटर कानून से कुछ बदलाव किए है जिसमे अब से यदि कोई दुर्घटना इत्यादि होती है तो सेक्शन 146 के तहत तीन महीने तक की जेल और एक लाख रूपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बिल्डिंग्स और दुकानों में लगने वाली Lifts या Escalators की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कानून बनाने का निर्णेय लिया है की अब से हर लिफ्ट और एस्कलेटर का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा चाहे वह कोई नयी Lift/Escalator का कार्य हो या पहले से किसी बड़ी बिल्डिंग में इंस्टॉल्ड हो सभी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इस कानून के तहत लिफ्ट और एस्कलेटर मंज़ूरी कुछ जरूरी मानकों को आंकने के बाद मिलेगी जैसे की Lifts & Escalators का निर्माण, उसकी गुणवत्ता, सुरक्षा सुविधाएं, संचालन और रख रखाव इत्यादि निर्देश शामिल होंगे।
Lift और Escalator के Registration में यह देखा जायेगा की लिफ्ट BIS मानकों पर खरी उतरती है या नहीं इसके साथ साथ बिल्डिंग कोड और कुछ अन्य जरूरी मानकों का अनुपालन करना आवश्यक होगा लिफ्ट में यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक Auto Rescue Device भी लगाई जाएगी ताकि जब लिफ्ट में कोई तकनिकी खराबी हो या इलेक्ट्रिसिटी चली जाये तब इस लिफ्ट का दरवाज़ा इस डिवाइस की मदद से अपने आप खुल जाये और लिफ्ट के अंदर जो यात्री है वह सुरक्षापूर्वक अपने पास की लैंडिंग तक पहुँच जाये।
लिफ्ट में बहुत सी सुविधाएं भी शामिल होगी जैसे सी सी टीवी कैमरा, लाइट, टेलीफोन इत्यादि होना जरूरी है और यदि किसी बहुमंजिला बिल्डिंग में लगी लिफ्ट में कोई दुर्घटना इत्यादि हो जाये या Lift Failures में किसी की मौत हो जाये तब उस दुर्घटना में शामिल यात्रियों को जोखिम का कवर करने के लिए एक बीमा (Insurance) भी शामिल होगा जोकि 2 लाख रूपये होगा।
यह इंश्योरेंस का प्रावधान गवर्नमेंट लिफ्ट्स पर लागु नहीं होगा क्योंकि यदि किसी गर्वनमेंट ऑफिस में लगी लिफ्ट में कोई दुर्घटना होती है तब इंश्योरेंस कंपनी को कंपनसेट करने की आवशयकता नहीं है उस व्यक्ति को सरकार खुद से कंपनसेशन देगी।
जो भी ऑफिसेस या बिल्डिंग्स में लगी लिफ्ट्स और एस्कलेटर BIS नियमो का उलंघन कर रहे है या इन नियमो का पालन करने में विफल हो रहे है तब उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के भी निर्देश है।
यह लिफ्ट Law के कारन जो दुर्घटनाएं हो रही है उनमे कमी देखने को मिल सकती है क्युकी यदि सभी लिफ्ट्स और एस्केलेटर्स नियमो के अनुसार कार्यशील हो तब इन सभी Failures और Accidents में भी कमी आ सकती है।